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मल्टी बैगर शेयरों में लगा अपर सर्किट: शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से दो शेयरों की चर्चा है। इन दोनों शेयरों में मजबूत खरीदार हैं। एक स्टॉक पिछले एक महीने से लगातार ऊपर की ओर सर्किट में है। हम बात कर रहे हैं लोटस चॉकलेट कंपनी लिमिटेड और पीटीसी इंडिया के शेयरों की। लोटस चॉकलेट कंपनी लिमिटेड के शेयर पिछले एक महीने से लगातार अपर सर्किट मार रहे हैं। वहीं पीटीसी इंडिया के शेयर भी दिन के ज्यादातर कारोबार में अपर सर्किट में रहे। लोटस चॉकलेट कंपनी लिमिटेड का शेयर आज 5 फीसदी के अपर सर्किट के साथ 267.75 रुपए पर बंद हुआ। एक महीने में कंपनी के शेयरों में 164.58% की तेजी आई है। जबकि पीटीसी इंडिया के शेयर 5 फीसदी के अपर सर्किट में थे। कंपनी के शेयर की कीमत 112.25 रुपये पर बंद हुई। पीटीसी इंडिया का शेयर 46 के करीब पहुंच गया है।
लोटस चॉकलेट कंपनी लिमिटेड के शेयरों में तेजी की वजह?
कंपनी के शेयरों में तेजी के पीछे मुकेश अंबानी की एक डील है। दरअसल, अंबानी ने लोटस चॉकलेट कंपनी को खरीद लिया है। इसकी घोषणा हाल ही में की गई थी। आपको बता दें कि रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (आरसीपीएल) और रिलायंस ग्रुप की कंपनी रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने लोटस चॉकलेट में अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर की घोषणा की है। यह ओपन ऑफर 21 फरवरी, 2023 को खुलेगा और 6 मार्च, 2023 को बंद होगा। कंपनी ने ओपन ऑफर की कीमत 115.50 रुपये तय की है। आपको बता दें कि ये दोनों कंपनियां मिलकर लोटस चॉकलेट में 33.38% हिस्सेदारी खरीदेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज एफएमसीजी सेक्टर में तेजी से विस्तार करना चाह रही है। यह अधिग्रहण उसी योजना का हिस्सा है। रिलायंस रिटेल की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि भविष्य में प्रमोटर्स से 51 फीसदी हिस्सेदारी 113 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से खरीदी जा सकती है। इसके अलावा आरसीपीएल और 26 फीसदी के लिए ओपन ऑफर लेकर आएगी।
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पीटीसी इंडिया के शेयरों में तेजी की वजह
पीटीसी इंडिया के शेयरों में तेजी के पीछे अडानी का हाथ है। दरअसल, अडानी ग्रुप द्वारा कंपनी में शेयर खरीदे जाने की खबर आने के बाद से ही कंपनी के शेयरों में तेजी देखी गई है। एनटीपीसी, एनएचपीसी, पावर ग्रिड और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन प्रत्येक की कंपनी में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ये कंपनियां अपने शेयर बेच सकती हैं। इस महीने के अंत तक बोलियां आमंत्रित की जा सकती हैं, ईटी रिपोर्ट करता है। हालांकि, प्रमोटरों द्वारा हिस्सेदारी बेचने के बारे में पूछे जाने पर पीटीसी इंडिया ने कहा है कि उसे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। अगर अडानी ग्रुप पीटीसी इंडिया में हिस्सेदारी खरीदता है तो एनर्जी सेक्टर में भी कंपनी का दबदबा रहेगा। आपको बता दें कि पीटीसी इंडिया की शुरुआत 1999 में हुई थी।