pakistan economic crisis shehbaz sharif uae visit – International news in Hindi – फिर पैसे लेने आ गए

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पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसलिए यहां के नेता और सैन्य प्रमुख अलग-अलग देशों से कर्ज मांग रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उनका दर्द दिखा। वीडियो में उन्होंने बताया कि पिछले दिनों संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) यात्रा के दौरान मुल्क के लिए कर्ज मांगते समय उन्हें किस मानसिक तनाव से जूझना पड़ा।

दरअसल, शाहबाज शरीफ कुछ दिनों पहले विदेश दौरे पर गए थे। उन्होंने जिनेवा में क्लाइमेट समिट में हिस्सा लिया था। इसके बाद वह सऊदी अरब और फिर यूएई गए। तीनों ही जगहों पर उन्होंने पाकिस्तान के लिए कर्ज मांगा था। सऊदी ने दो और यूएई ने एक अरब डॉलर गारंटी डिपॉजिट देने का भरोसा दिलाया था। हालांकि पाकिस्तान सरकार इसे खर्च नहीं कर सकती। बता दें, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद शहबाज शरीफ तीसरी बार संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे थे।

वह समझते होंगे फिर पैसे लेने आ गए

यूएई से वापस आने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में अपना दर्द बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम के तौर पर यूएई में मुझे जिन चीजों को सामना करना पड़ा उसका जिक्र जरूरी है। वहां मुझे बेहद शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अभी यूएई से होकर आया हूं। वहां पर यूएई के जो सदर हैं, मेरे भाई, जनाब मोहम्मद बिन जायद, वो काफी मोहब्बत से हमारे साथ पेश आए। उन्होंने अपना दिल खोल दिया हमारे आगे, लेकिन वह समझते होंगे कि यह फिर पैसे लेने आ गए। 

उन्होंने कहा कि पहले मैंने ये फैसला किया था कि उनसे और कर्ज नहीं मांगूंगा, लेकिन फिर आखिरी वक्त फैसला किया और हिम्मत जुटाई कि उनसे और कर्ज मांगूं। मैंने उनसे कहा जनाब आप मेरे बड़े भाई हैं। मुझे बड़ी शर्म आ रही, लेकिन क्या करूं बड़ी मजबूरी है। हमारी अर्थव्यवस्था के बारे में तो आप सब जानते हैं। आप मुझे एक अरब डॉलर और दे दें।

फौज के सामने भी रोए

पिछले हफ्ते शरीफ पाकिस्तानी फौज की पासिंग आउट परेड सेरेमनी में बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए थे। तब भी उन्होंने मुल्क के कर्ज का रोना रोया था। यहां आर्मी और आईएसआई चीफ के साथ राष्ट्रपति आरिफ अल्वी भी मौजूद थे। परेड में शरीफ ने कहा था कि मेरे लिए यह बहुत शर्मिंदगी की बात है कि हर बार हमें कर्ज मांगना पड़ता है। यह इसलिए और ज्यादा खराब लगता है कि पाकिस्तान एटमी ताकत है। मैं कहना ये चाहता हूं कि आखिर कब तक हम बतौर मुल्क कर्ज के भरोसे रहेंगे। ये तो देश चलाने का सही तरीका नहीं है और न ही इस तरह से हम मुल्क को सही दिशा में ले जा सकते हैं। हमें ये भी सोचना चाहिए कि आज नहीं तो कल, कर्ज इस मुल्क को वापस भी तो करने हैं।

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